Indicators on वशीकरण मंत्र किसे चाहिए You Should Know
Indicators on वशीकरण मंत्र किसे चाहिए You Should Know
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इसके मंत्रो के जरिये एक चुम्बकीय प्रभाव पैदा किया जाता है.
शनिवार के दिन हनुमानजी को सिन्दूर का चोला चढ़ाकर विधिपूर्वक पूजा करके प्रतिदिन एक माला के क्रम से इक्कीस दिन तक मन्त्र जपें। फिर प्रयोग करने के लिए मन्त्रजप करते हुए चौराहे की मिट्टी का ललाट पर तिलक लगाकर जिस भी व्यत्तिः के सामने जायेगा, वह उसकी आज्ञा का पालन अवश्य करेगा।
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त्व देवी जगत माता योनिमुद्रे नमोस्तुते
ॐ नमो आदेश गुरु का। कामरु देश कामाख्या देवी। जहाँ बसे इस्माईल जोगी ने दीन्हीं लौंग। एक लौंग राती माती। दूजी लौंग दिखावे राती। तीजी लौंग रहे ठहराया। चौथी लौंग भिलावे आया नहीं आवे तो कुआं बावड़ी घाट फिरे। रंडी कुआं बावड़ी पर छिटक मरे। ॐ नमो आदेश गुरु का। मेरी भक्ति गुरु की शक्ति। फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।
ॐ नमो आदेश गुरु को कामरु देश कामाक्षा देवी तहाँ बैठे इस्माइल जोगी, जोगी के आँगन फूल क्यारी फूल चुन-चुन लावे लोना चमारी फूल चल फूल-फूल बिगसे फूल पर बीर नरसिंह बसे जो नहीं फूल का विष कबहुं न छोड़ें मेरी आस मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।
नमो भगवते कामदेवाय सर्वजन प्रियाय सर्वजन सम्मोहनाय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल हन हन वद वद तप तप सम्मोहय सम्मोहाय सर्वजन मे वशं कुरू कुरू स्वाहा
तिलक काठी में निकलू घर से मोहे सकल संसार
श्री राम नाम खेली अकनक बीरी। सुनिये नारी बात हमारी। एक पान संग मंगाय। एक पान सेज सौं लावे। एक पान मुख बुलावै। हमको छोड़ और को देखे। तो तेरा कलेजा, मुहम्मद वीर check here चक्खे।
सब वीरन में तेरा सीर , सबकी नज़र बांध दे
मोहिनी वशीकरण मंत्र साधना में सावधानी
जिसे आप प्यार करते हैं उसे वापस कैसे जीतें?
ग्रहण समाप्त होने पर उन चारों लौंग को निकालकर ताबीज में भर लें। जब इस प्रयोग की आवश्यकता हो, तो चार लौंग को मंत्र से सात बार अभिमंत्रित करें और ताबीज से स्पर्श कराएं। इसके बाद, जिसे भी यह लौंग खिलाई जाएगी, वह व्यक्ति साधक के प्रभाव में आ जाएगा।
वशीकरण मंत्रों के नामित्व पर भी विभिन्न मत हैं। कुछ लोग उन्हें प्राकृतिक और वैज्ञानिक शक्तियों का एक रूप मानते हैं और इनका उपयोग सावधानीपूर्वक करते हैं। वे इन मंत्रों को सिद्ध करने के विभिन्न विधानों और प्रयोगों का पालन करते हैं। दूसरे लोग इन मंत्रों को अंधविश्वास और मिथ्या मानते हैं और इनका उपयोग अनैतिक और अन्यायसंगत समझते हैं।